आ जाओ गजानन कीर्तन में अब रात गुजरने वाली है
अब रात गुजरने वाली है
आ जाओ गजानन कीर्तन में अब रात गुजरने वाली है…..
मैंने मुकुट बनाया तुम्हारे लिए हीरो से सजाया तुम्हारे लिए
आओ मुकुट पहनो गजानन जी अब रात गुजरने वाली है
आ जाओ गजानन कीर्तन में अब रात गुजरने वाली है…..
मैं चुन चुन कलियां ले आई और हार बनाया तुम्हारे लिए
आओ हार पहनाऊँ गजानंद जी अब रात गुजरने वाली है
आ जाओ गजानन कीर्तन में अब रात गुजरने वाली है…..
चंदन की चौकी बिछाई है और फूलों से उसको सजाया है
आओ आन विराजो गजानंद जी अब रात गुजरने वाली है
आ जाओ गजानन कीर्तन में अब रात गुजरने वाली है…..
लड्डू मोदक भोग बनाया तुम्हारे लिए
और थाल सजाया तुम्हारे लिए
आओ भोग लगाओ गजानन जी अब रात गुजरने वाली है
आ जाओ गजानन कीर्तन में अब रात गुजरने वाली है……