आज मंगलवार है, महावीर का वार है, यह सच्चा दरबार है
सच्चे मन से जो कोई ध्यावे उसका बेड़ा पार है….
चेत सुति पूनम मंगल का जन्म वीर ने पाया है
लाल लंगोट गदा हाथ में सर पर मुकुट सजाया है
शंकर का अवतार है, महावीर का वार है
सच्चे मन से जो कोई ध्यावे उसका बेड़ा पार है….
ब्रह्मा जी के ब्रह्म ज्ञान का बल भी तुमने पाया है
राम काज शिव शंकर ने वानर का रूप धारिया है
लीला अपरंपार है महावीर का वार है
सच्चे मन से जो कोई ध्यावे उसका बेड़ा पार है…..
बालपन में महावीर ने हरदम ध्यान लगाया है
श्रम दिया ऋषियों ने तुमको ब्रह्म ध्यान लगाया है
राम रामाधार है महावीर का वार है
सच्चे मन से जो कोई ध्यावे उसका बेड़ा पार है…….
राम जन्म हुआ अयोध्या में कैसा नाच नचाया है
कहा राम ने लक्ष्मण से यह वानर मन को भाया है
राम चरण से प्यार है महावीर का वार है
सच्चे मन से जो कोई ध्यावे उसका बेड़ा पार है…..
पंचवटी से माता को जब रावण लेकर आया है
लंका में जाकर तुमने माता का पता लगाया है
अक्षय को मारा है महावीर का वार है
सच्चे मन से जो कोई ध्यावे उसका बेड़ा पार है
आज मंगलवार है महावीर का वार है……