चले भोले बाबा लिए संग बाराती
गले नाग काले, बाघम्बर है तन पे,
चले भोले बाबा, लिए संग बाराती,
ना बारात पहले, कभी ऐसी देखी,
है शोभा निराली जो, बखानी ना जाती।।
मसानो की भस्मी, बनाई है उबटन,
है मुंडो की माला, दूल्हे के कण्ठन,
है सहरे के बदले, जटाजूट सर पे,
जटाओ में गंगा की, धारा सुहाती,
ना बारात पहले, कभी ऐसी देखी,
है शोभा निराली जो, बखानी ना जाती।।
ना रथ है न घोड़ी, नादिया पे सज के,
चले गौरा ब्याहने, शिव दूल्हा बन के,
है त्रिशूल कर में, बंधा जिसपे डमरू,
झूम झूम सृष्टि भी, गीत गुनगुनाती,
ना बारात पहले, कभी ऐसी देखी,
है शोभा निराली जो, बखानी ना जाती।।
कोई जाए गंजा, कोई जाए नंगा,
कोई सिर कटा, कोई जाए भुजंगा,
बनाकर के टोली, भुत प्रेत नाचे,
निराला है दूल्हा, निराले है साथी,
ना बारात पहले, कभी ऐसी देखी,
है शोभा निराली जो, बखानी ना जाती।।
नाचते है सारे, देव हो या दानव,
नहीं आती हर दिन, घडी ऐसी पावन,
है शिव के विवाह की, कहानी निराली,
कहे कैसे योगी, बखानी ना जाती,
ना बारात पहले, कभी ऐसी देखी,
है शोभा निराली जो, बखानी ना जाती।।
गले नाग काले, बाघम्बर है तन पे,
चले भोले बाबा, लिए संग बाराती,
ना बारात पहले, कभी ऐसी देखी,
है शोभा निराली जो, बखानी ना जाती।।