जय जय पित्तर जी महाराज, मैं शरण पड़यों हूँ थारी, शरण पड़यो हूँ थारी देवा,
रखियो लाज हमारी, जय जय पित्तर जी महाराज, मैं शरण पड़यों हूँ थारी ।।
आप ही रक्षक आप ही दाता, आप ही खेवन हारे, मैं मुर्ख हूँ कछु नहिं जानू,
आप ही हो रखवारे, जय जय पित्तर जी महाराज, मैं शरण पड़यों हूँ थारी।।
आप खड़े हैं हरदम हर घड़ी, करने मेरी रखवारी, हम सब जन हैं शरण आपकी,
है ये अरज गुजारी, जय जय पित्तर जी महाराज, मैं शरण पड़यों हूँ थारी ।।
देश और परदेश सब जगह, आप ही करो सहाई, काम पड़े पर नाम आपको,
लगे बहुत सुखदाई, जय जय पित्तर जी महाराज, मैं शरण पड़यों हूँ थारी।।
भक्त सभी हैं शरण आपकी, अपने सहित परिवार, रक्षा करो आप ही सबकी,
रहूँ मैं बारम्बार, जय जय पित्तर जी महाराज, मैं शरण पड़यों हूँ थारी ।।
जय जय पित्तर जी महाराज, मैं शरण पड़यों हूँ थारी, शरण पड़यो हूँ थारी देवा,
रखियो लाज हमारी, जय जय पित्तर जी महाराज, मैं शरण पड़यों हूँ थारी।।