हाज़री लिखवाता हूँ हर ग्यारस में

Hazari Likhvata Hun Har Gyaras Mein

Hazari Likhvata Hun Har Gyaras Mein

हाज़री लिखवाता हूँ हर ग्यारस में
मिलती है तन्खवा, मिलती है तन्खवा
मुझे बारस में
हाज़री लिखवाता हूँ हर ग्यारस में

दो दिन के बदले में तीस दिनों तक मौज करूँ
अपने ठाकुर की सेवा भजनो से रोज करूँ
रहता है तू सदा, रहता है तू सदा
भक्तो के वश में
हाज़री लिखवाता हूँ हर ग्यारस में

दो आंसू जब बह जाते है चरणों में तेरे
करता घर की रखवाली जाकर घर तू मेरे
झूठी ना खाता हूँ, झूठी ना खाता हूँ
दर पे मैं कस्मे
हाज़री लिखवाता हूँ हर ग्यारस में

दुनिया की सब मौजे छूटे ग्यारस ना छूटे
श्याम के संग हर बार तेरे दर की मस्ती लूटे
मिल गया तू मुझे, मिल गया तू मुझे
भजनो के रस में
हाज़री लिखवाता हूँ हर ग्यारस में

हाज़री लिखवाता हूँ हर ग्यारस में
मिलती है तन्खवा, मिलती है तन्खवा
मुझे बारस में
हाज़री लिखवाता हूँ हर ग्यारस में

Singer : Sanjay Mittal

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