महाकुम्भ का है आयोजन | Mahakumbh Ka Hai Aayojan Lyrics
महाकुम्भ का है आयोजन
आओ भक्तों आओ, हमारी संगम नगरी
हमारी संगम नगरी
तीर्थराज का करके दर्शन, अपने भाग्य जगाओ
हमारी संगम नगरी
परम पिता ब्रम्हा ने, यज्ञ किया था इसी धाम में
सरस्वती, गंगा, यमुना खेले छेवत की छावं में
भरद्वाज जहाँ वेद पढाए, ज्ञान की ज्योति जलाए
हमारी संगम नगरी
महाकुम्भ का है आयोजन
आओ भक्तों आओ हमारी संगम नगरी
सजे हैं अखाड़े देखो, राह दिखाते मुक्तिधाम की
झूम रहे नागा साधू, धुनी रमाते हरि नाम की
सत्य सनातन का गुण गाए, धर्म ध्वजा लहराए
हमारी संगम नगरी
महाकुम्भ का है आयोजन
आओ भक्तों आओ हमारी संगम नगरी
द्वादश माधव यहाँ, बंधवा के लेटे हनुमान है
यहाँ है त्रिवणी संगम, दुनिया में इसका भी बखान है
नाग वासुकी जहाँ विराजे, आसन यहीं लगाये
हमारी संगम नगरी
महाकुम्भ का है आयोजन
आओ भक्तों आओ हमारी संगम नगरी
लगे देखो तम्बू कैसे, भक्त आए दुनिया जहाँ से
देवता देखे इसकी शोभा, निराली आसमान से
‘मिश्र बन्धु’ यह महिमा गाए, सभी समर्थ सुख पाये
हमारी संगम नगरी
महाकुम्भ का है आयोजन
आओ भक्तों आओ हमारी संगम नगरी
गायक: मिश्र बन्धु जी महाराज