मैं रंगी श्याम के रंग में | main rangi shyam ke rang mein lyrics
टेक:-
जबसे प्रीत लगी है तुमसे
तीन बाण के धारी
मैं यूं खोई तेरी दुनिया में
ये भूल गई दुनिया दारी
स्थाई:-
मैंने जबसे श्यामधणी के चरणों में शीश झुकाया
तेरे मोह में उलझी मोहन, मैं भूल चुकी मोह माया
मैं मस्त मगन हो नाचू
मेरे मस्ती चढ़ी अंग अंग में
रंग भूल गई दुनिया के,मैं रंगी श्याम के रंग में
अंतरा:- 1
मेरा हर दिन होली जैसा है,हर रात दिवाली करदी
मेरी झोली में कृपा की तूने तिजोरी खाली करदी
मेरे चौगीर्दे में गिरधर गिरधर
मैं क्यूं कोसूं खुद को
जब देखूं छवि,छबीले की
मैं खो बैठूं सुदबुध को
मैने जब भी तुझे पुकारा तू खड़ा मिल मेरे संग में
रंग भूल गई दुनिया के,मैं रंगी श्याम के रंग में
अंतरा:- 2
शरण में रखकर सिर तेरे, मैं संवर गई सांवरिया
तेरी नजर-ए-कर्म ने मेरा बदल लिया ये नजरिया
मेरे रोम रोम में श्याम श्याम
मैं सिमरू शाम सवेरे
मैं जब भी पलक झुकाऊं
उस पल दर्शन हो बस तेरे
तुम बना सारथी मेरा इस भवसागर की जंग में
रंग भूल गई दुनिया के,मैं रंगी श्याम के रंग में
𝐒𝐢𝐧𝐠𝐞𝐫 , 𝐋𝐲𝐫𝐢𝐜𝐬 & 𝐂𝐨𝐦𝐩𝐨𝐬𝐢𝐭𝐢𝐨𝐧-Dharmi Verma