मोहे लागी लगन मनमोहन से लिरिक्स | Mohe Laagi Lagan Man Mohan Se Lyrics
मोहे लागी लगन मनमोहन से
छोड़ घर द्वार ब्रज धाम आए बैठी
मोरे नैनो से
मोरे नैनो से निंदिया चुराई जिसने
मैं तो नैना उसी से लगाए बैठी
मोरी लागी लगन….
कारो कन्हैया सो काजल लगाई के
गालों पर गोविंद गोविंद लिखाई के
गोकुल की गलियों में गोपाल ढूंढू
मैं बावरी अपनी सुध बुध गवाई के
मिल जाए रास बिहारी मैं जाऊं वारी वारी
कह दूं नटखट से बात जिया की सारी
बात समझे गो
बात समझे गो मेरी बिहारी कभी
यह शर्त में खुदी से लगाए बैठी
ऐसी लागी लगन मनमोहन से
छोड़ घर बार ब्रज धाम आए बैठी
जो हो सो हो अब ना जाऊं पलट के
बैठी हूं कान्हा की राहों में डट के
जब तक ना मुखड़ा दिखाए सलोना
काटूंगी चक्कर यूं ही बंसी बट के
उस मोर मुकुट वाले से गोविंदा से ग्वाले से
मन बाध के रखना है उस मतवाले से
जाने आ जाएं
जाने आ जाएं कब चांद वो सामने
भोर से ही मैं खुद को सजाए बैठी
मोहे लागी लगन मनमोहन से
छोड़ घर बार ब्रज धाम आए बैठी
मोरे नैनो से
मोरे नैनो से निंदिया चुराई जिसने
मैं तो नैना उसी से लगाए बैठी
मोरी लागी लगन….
Singer – Devi Chitralekhaji