ना मैं जानू आरती वंदन | na main jaanu aarti vandan lyrics
प्रेम बिना पावे नहीं
भले हुनर करे हज़ार
कहे प्रीतम प्रेम बिना
मिले नहीं नन्द कुमार
हरि व्यापक सर्वत्र समाना
प्रेम ते प्रगट हुई मैं जाना
प्रेम ते प्रगट हुई मैं जाना
ना मैं जानू आरती वंदन
ना पूजा की रीत
कही अन्जानी दरश दीवानी
पागल मेरी प्रीत
हे री मैंने दो नैनो के
दीपक लिए संजोये
हे री मैं तो प्रेम-दीवानी
मेरो दर्द न जाने कोय
ना मैं जानू आरती वंदन
ना पूजा की रीत
मैं अन्जानी दरश दीवानी
पागल मेरी प्रीत
घायल की गति घायल जाने
जो कोई घायल होय
जौहर की गति जौहरी जाने
की जो कोई जौहर होय
हे री री मैंने दो नैनो के
दीपक लिए संजोये
हे री मैं तो प्रेम-दीवानी
मेरो दर्द न जाने कोय
सूली ऊपर सेज हमारी
किस बिध सोणा होई
गगन मंडल पर सेज पिया की
मिलना किस बिध होय
हे री री मैंने दो नैनो के
दीपक लिए संजोये
हे री मैं तो प्रेम-दीवानी
मेरो दर्द न जाने कोय
दर्द की मारी बन बन डोलू
वैध मिला नहीं कोई
मीराकी प्रभु पीड मिटे जब
वैध सांवरियो होई
हे री री मैंने दो नैनो के
दीपक लिए संजोये
हे री मैं तो प्रेम-दीवानी
मेरो दर्द न जाने कोय
हे री मैं तो प्रेम-दीवानी
हे री मैं तो प्रेम-दीवानी
मेरो दर्द न जाने कोय