सुबह सुबह जब भी मेरी आंखें खुलती है (Subah Subah Jab Bhi Meri Aankhe Khulti Hai Lyrics)

shyam
सुबह सुबह जब भी मेरी आंखें खुलती है लिरिक्स | Subah Subah Jab Bhi Meri Aankhe Khulti Hai Lyrics

सुबह सुबह जब भी
मेरी आंखें खुलती है
आंखों के सामने बस
आरती घूमती है
मेरे इत्र की खुशबू से
ये दुनिया महकती है
ये दुनिया महकती है

श्रृंगार सुंदर सजा हुआ होता है
प्रेमियों से मंदिर भरा हुआ होता है
प्रेमी के दिल की बात
कानों में गूंजती है
कानों में गूंजती है
सुबह-सुबह जब भी
मेरी आंखें खुलती है
आंखों के सामने तो
आरती घूमती है

एक एक प्रेमी का काम बनेगा
थोड़ा धीर रखना सबका जीवन सजेगा
जो खाटू आते है
उन्हें दुनिया ढूंढती है
उन्हें दुनिया ढूंढती है
सुबह-सुबह जब भी
मेरी आंखें खुलती है
आंखों के सामने तो
आरती घूमती है

घमंड न भाता मुझको पाखंड न भाता
कोई भी कन्हैया बाकी खाली नहीं जाता
हारे का सहारा तू
यह दुनिया जानती है
यह दुनिया जानती है
सुबह-सुबह जब भी
मेरी आंखें खुलती है
आंखों के सामने तो
आरती घूमती है

सुबह सुबह जब भी
मेरी आंखें खुलती है
आंखों के सामने बस
आरती घूमती है
मेरे इत्र की खुशबू से
ये दुनिया महकती है
ये दुनिया महकती है

Singer: Kanhaiya Mittal

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