वक्रतुंड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ
निर्विघ्नम कुरु में देव सर्वकार्येषु सर्वदा
देवा हो देवा गणपति देवा तुमसे बढ़कर कौन
स्वामी तुमसे बढ़कर कौन
और तुम्हारे भक्तजनों में हमसे बढ़कर कौन
अद्भुत रूप ये काया भारी ,महिमा बड़ी है दर्शन की
बिन मांगे पूरी हो जाए जो भी इच्छा हो मन की
गणपति बप्पा मोरिया मंगल मूर्ति मोरिया
देवा हो देवा गणपति देवा तुमसे बढ़कर कौन
स्वामी तुमसे बढ़कर कौन
और तुम्हारे भक्त जनों में हमसे बढ़कर कौन
छोटी सी आशा लाया हूं छोटे से मन में दाता
माँगने सब आते हैं पहले सच्चा भक्त ही है पता
गणपति बप्पा मोरिया मंगल मूर्ति मोरया
देवा हो देवा गणपति देवा तुमसे बढ़कर कौन
स्वामी तुमसे बढ़कर कौन
और तुम्हारे भक्तजनों में हमसे बढ़कर कौन
भक्तों की इस भीड़ में ऐसे बगुला भक्त भी मिलते हैं
भेष बदल करके भक्तों का जो भगवान को छलते हैं
गणपति बप्पा मोरिया मंगल मूर्ति मोरया
देवा हो देवा गणपति देवा तुमसे बढ़कर कौन
स्वामी तुमसे बढ़कर कौन
और तुम्हारे भक्त जनों में हमसे बढ़कर कौन
एक डाल के फूलों का भी अलग-अलग है भाग्य रहा
दिल में रखना डर उनका मत भूल विधाता जाग रहा
गणपति बप्पा मोरिया मंगल मूर्ति मोरिया
देवा हो देवा गणपति देवा तुमसे बढ़कर कौन
स्वामी तुमसे बढ़कर कौन
और तुम्हारे भक्तजनों में हमसे बढ़कर कौन
देवा हो देवा गणपति देवा…….