लम्बोदर पीताम्बर मनहारी | Lambodar Pitambar Manhari lyrics
जाके पितु मात गौरी त्रिपुरारी
मूषक कि जो करते हैं सवारी
जाके पितु मात गौरी त्रिपुरारी
मूषक कि जो करते हैं सवारी
कहलाते है जो विघ्नहारी
लम्बोदर पीताम्बर मनहारी
कहलाते है जो विघ्नहारी
लम्बोदर पीताम्बर मनहारी
धन वैभव यश विद्या पावे
गणपति के गुणगान जो गावे
धन वैभव यश विद्या पावे
गणपति के गुणगान जो गावे
सुमरे जो गणपति स्त्रोतम
सर्व कार्य सिद्धि उसके हो जावे
ऐसे विनायक के हर कोई बलिहारी
लम्बोदर पीताम्बर मनहारी
कहलाते है जो विघ्नहारी
लम्बोदर पीताम्बर मनहारी
रिद्धि सिद्धि संग गणपत विराजै
अति आनंद तनमन में छाये
रिद्धि सिद्धि संग गणपत विराजै
अति आनंद तनमन में छाये
शीश मुकुट माथे पे शोभित
सिंघासन फल फूल से साजे
गणपति की जो करे आरती
पूरी होगी कामना ये तुम्हारी
कहलाते है जो विघ्नहारी
लम्बोदर पीताम्बर मनहारी
कहलाते है जो विघ्नहारी
लम्बोदर पीताम्बर मनहारी
कहलाते है जो विघ्नहारी
लम्बोदर पीताम्बर मनहारी
Singer : Naziya Chahat