ॐ नमो गंगाये
विश्वरूपिणी नारायणी नमो नमः
महाकुंभ है, महाकुंभ है, महाकुंभ है
महाकुंभ है, महाकुंभ है, महाकुंभ है
धाम-त्रिवेणी शम्भु-शम्भु है, महाकुंभ है
महाकुंभ है, महाकुंभ है, महाकुंभ है
कण-कण शिव शिव शम्भु-शम्भु है, महाकुंभ है
धाम-त्रिवेणी शम्भु-शम्भु है, महाकुंभ है
बारह वर्ष के बाद जो आया महापर्व है
वसुंधरा पर अमृत लाया महापर्व है
भक्तजनों ने झूम के गाया महापर्व है
संतो ने जयघोष लगाया महापर्व है
कण-कण शिव शिव शम्भु-शम्भु है
धाम-त्रिवेणी शम्भु-शम्भु है, शम्भु-शम्भु है
महाकुंभ है, महाकुंभ है, महाकुंभ है
महाकुंभ है, महाकुंभ है, महाकुंभ है
संचालित जो स्वयं ही होता, ये वो यंत्र है
देवगणों का इस धरती को देव मंत्र है
चिट्ठी है ना तार है, मेला ये अपार है
पुण्य का परिणाम है, मोक्ष का ये द्वार है
कण-कण शिव शिव शम्भु-शम्भु है
महाकुंभ है, महाकुंभ है, महाकुंभ है
संत अखाड़े साधू-जोगी और तपस्वी
एक साथ सब लगा रहे संगम में डुबकी
बाबा जोगी बाँट रहे जन मन को शुद्धि
एक जगह आ बैठी है भक्ति और शक्ति
कण-कण शिव शिव शम्भु-शम्भु है
धाम-त्रिवेणी शम्भु-शम्भु है, शम्भु-शम्भु है
महाकुंभ है, महाकुंभ है, महाकुंभ है
महाकुंभ है, महाकुंभ है, महाकुंभ है
गायक: कैलाश खेर