स्वर्ग सा लागे है प्रयाग के मेला महाकुंभ का लगा (Swarg Sa Lage Hai Prayag)

Swarg Sa Lage Hai Prayag Ke Mela Mahakumbh Ka Laga
स्वर्ग सा लागे है प्रयाग के मेला महाकुंभ का लगा | Swarg Sa Lage Hai Prayag Ke Mela Mahakumbh Ka Laga Lyrics

स्वर्ग सा लागे है प्रयाग के मेला महाकुंभ का लगा
के मेला महाकुंभ का लगा
चल के जगा ले बन्दे भाग के मेला महाकुंभ का लगा

जहाँ गंगा, जमुना, सरस्वती का संगम
मन में बसे है जहाँ आस्था का सरगम
जग जाए भक्ति अनुराग के मेला महाकुंभ का लगा

स्वर्ग सा लागे है प्रयाग के मेला महाकुंभ का लगा
के मेला महाकुंभ का लगा
चल के जगा ले बन्दे भाग के मेला महाकुंभ का लगा

मोक्ष के द्वार जहाँ जाके खुलते
मन के विकार जहाँ धारा में धुलते
चलो चले सब मोह सब त्याग के मेला महाकुंभ का लगा

स्वर्ग सा लागे है प्रयाग के मेला महाकुंभ का लगा
के मेला महाकुंभ का लगा
चल के जगा ले बन्दे भाग के मेला महाकुंभ का लगा

कहते ‘देवेन्द्र जी’ भी डुबकी लगा लो
मानो जन्म भाई सफल बना लो
प्रभु से लगा लो अनुराग के मेला महाकुंभ का लगा
मेला महाकुंभ का लगा, मेला महाकुंभ का लगा

स्वर्ग सा लागे है प्रयाग के मेला महाकुंभ का लगा
के मेला महाकुंभ का लगा
चल के जगा ले बन्दे भाग के मेला महाकुंभ का लगा

गायक: देवेन्द्र जी महाराज

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