छोटी दीपावली, जिसे हम रूपचौदस, नरक चतुर्दशी और काली चौदस के नाम से भी जानते है, यह त्यौहार धनतेरस के एक दिन बाद और दीपावली से ठीक एक दिन पहले मनाया जाता है इस त्यौहार के साथ कई प्रकार की पौराणिक कथाएं जुड़ी हुई हैं। छोटी दीपावली का त्यौहार असुर नरकासुर की कथा से संबंधित है। यह त्यौहार अच्छाई की बुराई पर जीत, और दीपों के प्रकाश के द्वारा अंधकार को मिटाने का प्रतीक दिखाया गया है।
छोटी दीपावली की कथा:
पौराणिक कथा के अनुसार, एक समय नरकासुर नाम का एक बहुत शक्तिशाली असुर था जिसे उस समय भौमासुर के नाम से भी जाना जाता था। वह अपने बल एवं साहस के लिए तीनो लोकों में प्रसिद्ध था । उसने अपनी शक्तियों का दुरपयोग कर देवताओं, ऋषियों, और मनुष्यों पर अत्याचार करता था और आतंक मचा रखा था । उसने अपने साम्राज्य बढ़ाने के लिए कई राजाओं को युद्ध में हरा कर उनके राज्य को अपने अधीन कर लिया था।
नरकासुर ने कई राजकुमारियों का उनके महल से अपहरण कर उन्हें अपने महल में बंदी बना लिया था। नरकासुर इन सब राजकुमारियों को अपनी पत्नी बनाना चाहता था। इसके अतिरिक्त उसने देवताओं की माता अदिति का स्वर्ण कुण्डल को भी चुरा लिया था, जिससे सभी देवतागण और ऋषियों में भारी रोष उत्पन्न हो गया था। इस कारण सभी देवता और ऋषि भगवान विष्णु की शरण में गए और उनसे नरकासुर के आतंक से मुक्ति प्राप्त करने के लिए प्रार्थना की।
भगवान विष्णु ने नरकासुर के आतंक को समाप्त करने के लिए कृष्ण के रूप में अवतार लिया। नरकासुर को यह वरदान प्राप्त था कि उसकी मृत्यु किसी स्त्री के हाथों ही होगी इसलिए इस युद्ध में कृष्ण की पत्नी सत्यभामा ने भी उनकी सहायता की और युद्ध में सत्यभामा और कृष्ण ने मिलकर नरकासुर का सामना किया और नरकासुर का वध कर दिया, जिससे देवताओं और में आनंद की लहर दौड़ पड़ी।
नरकासुर ने अपनी मृत्यु के अंतिम क्षण में भगवान कृष्ण से वरदान मांगा कि उसकी मृत्यु के दिन को समस्त संसार में खुशियों का पर्व बनाकर मनाया जाए। भगवन कृष्ण ने उसकी यह इच्छा स्वीकार की और उसी दिन से इस दिन को दीप जलाकर, नरक चतुर्दशी के रूप में मनाने की परंपरा शुरू हुई।
छोटी दीपावली के जाप मंत्र:
छोटी दिवाली के दिन विशेष मंत्रों का जाप करना लाभकारी माना जाता है। यहां कुछ प्रमुख मंत्र दिए जा रहे हैं जिनका उच्चारण इस दिन करने से शुभ फल प्राप्त होते हैं:
नरक चतुर्दशी मंत्र:
इस मंत्र का जाप करने से व्यक्ति के जीवन से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
“ॐ ह्रां ह्रीं ह्रूं क्लीं कालिकायै नमः”
महाकाली मंत्र:
यह मंत्र विशेष रूप से काली चौदस के दिन देवी काली की आराधना करते हुए जपा जाता है। यह मंत्र नकारात्मक शक्तियों से रक्षा करता है और शक्ति प्रदान करता है।
“ॐ काली महाकालि कालिकायै नमो नमः”
धन प्राप्ति मंत्र:
यह मंत्र समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति के लिए जपा जाता है। इस मंत्र का जाप घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।
“ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं महालक्ष्म्यै नमः”
छोटी दिवाली का महत्व:
छोटी दिवाली का महत्व दोनों ही आध्यात्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से बहुत गहरा है। इससे हमें यह मालूम चलता है की एक दिन बुराई का अंत निश्चित है और सत्य की हमेशा विजय होती है। इसके अलावा, यह पर्व व्यक्ति में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है और नकारात्मक विचारों और अशुद्धियों से व्यक्ति को मुक्त करता है।