ग्यारस मैया ने लिया है गऊ का रूप | Gyaras Maiya Ne Liya Hai Gau Ka Roop Lyrics
ग्यारस मैया ने लिया है गऊ का रूप
परीक्षा ले रही दुनिया की
पहली परीक्षा लेने गई वह गई पंडित के पास
गौमाता खड़ी है तेरे द्वार गो ग्रास इन्हें दे देना
अंदर से वो पंडित बोला सुन गौ मां मेरी बात
मेरे भोजन नहीं है तैयार गो ग्रास किसी और के करो
बाहर से गौ माता बोली सुन पंडित मेरी बात
पोथी पत्रा रहेंगे तेरे हाथ तू घर-घर मांगता फिरे
ग्यारस मैया ने लिया है गऊ का रूप
परीक्षा ले रही दुनिया की
दूजी परीक्षा लेने गई वह गई ठाकुर के पास
गौमाता खड़ी है तेरे द्वार इन्हें भोजन पानी दे देना
बाहर आकर ठाकुर बोला लेकर लटिया हाथ
मेरे भोजन नहीं है तैयार दरवाजे किसी और के चलो
बाहर से गौ माता बोली सुन ठाकुर मेरी बात
तेरे हाथ रहेंगे हथियार नरक तेरे द्वार पर रहे
ग्यारस मैया ने लिया है गऊ का रूप
परीक्षा ले रही दुनिया की
तीजी परीक्षा लेने गई वह गई बनिए के पास
गौमाता खड़ी है तेरे द्वार सेवा तो इनकी कर देना
अंदर से वह बनिया बोला सुन गऊ मां मेरी बात
मेरे छप्पन भोग तैयार भोजन तो भरपेट करो
मैया सेवा करूं दिन रात आशीष मैया दे देना
बाहर से गौ माता बोली सुन बनिए मेरी बात
तेरे भरे रहे भंडार लक्ष्मी का घर में वास रहे
ग्यारस मैया ने लिया है गऊ का रूप
ग्यारस मैया ने लिया है गऊ का रूप
परीक्षा ले रही दुनिया की
जो ग्यारस को तुलसी पूजे उसका फल मिल जाए
सच्चे मन से ग्यारस गावे और सत्संग को जाए
जो ग्यारस का व्रत करें और द्वादश को करें दान
वाको जन्म सफल है जाए बैकुंठ द्वार खुले मिले
ग्यारस मैया ने लिया है गऊ का रूप
परीक्षा ले रही दुनिया की